Tuesday, November 19, 2013

The Rosary


Someone equated my being an atheist with being faithless. In response I just remembered these lines by a Sufi saint

'The people I love are God for me. They are the beads of my rosary. Just seeing them is like turning the beads, like praying.'

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किसी ने मुझ से पूछा कि अगर तुम नास्तिक हो तो क्या किसी में भी विश्वास नहीं रखते? तो जवाब में एक सूफी की कही ये पंक्तियाँ याद आ गई -

"मै जिनसे प्यार करता हूँ, वो ही मेरे रब हैं। वो ही मेरी तस्वी के दाने हैं. बस निगाहों में फिरते रहते हैं, इबादत होती रहती है."



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